कैशियर को लूटने वाले तीन दोषियों को दस साल सजा
उरई । 19 साल पहले वर्ष 2003 में शहर के बीचो बीच अंबेडकर चौराहे के पास फिल्मी अंदाज में कोषागार के कैशियर को गोली मारकर 8.37 लाख रुपये लूटने के मामले में गुरुवार को डकैती कोर्ट में फैसला सुनाया गया। जज ने साक्ष्यों के आधार पर तीन आरोपितों को दोषी करार देते हुए उनको 10-10 साल की कैद की सजा सुनाई है जबकि ट्रायल के दौरान तीन आरोपितों को मृत्यु हो गई। साक्ष्यों के अभाव में न्यायाधीश ने दो लोगों को दोषमुक्त करार दिया है।
24 अप्रैल 2003 को कोषागार के कैशियर शिवकुमार स्कूटर पर सवार होकर स्टेट बैंक में 837020 रुपये जमा करने जा रहे थे। इसी दौरान अंबेडकर चौराहे के पास बाइक सवार बदमाशों ने फायर कर पूरी रकम लूट ली थी। करीब 20 दिन बाद कोतवाली पुलिस ने इस घटना में शामिल बदमाशों में शैलेंद्र कुमार, अशोक चौधरी, रवींद्र उर्फ बंटी एवं संजीव उर्फ संजू को रगेदा गांव के पास मुठभेड़ में गिरफ्तार कर लिया था जबकि तीन बदमाश गोधन सोनी, ठाकुरदास व प्रेम कुमार बसेरिया मौके से भाग निकले थे पर बाद में इन आरोपितों ने कोर्ट में समर्पण किया था। बाद में सभी की हाईकोर्ट से जमानत मिलने पर रिहा हुए थे।
विशेष न्यायाधीश डकैती कोर्ट में करीब 19 साल मुकदमे का ट्रायल चला। इस दौरान तीन आरोपितों अशोक, रवींद्र व ठाकुरदास माली की मृत्यु हो गई। शासकीय अधिवक्ता महेंद्र विक्रम सिंह ने बताया की अंचल लवानिया ने शैलेंद्र, संजीव कुमार व गोधन सोनी को लूट तथा पुलिस मुठभेड़ में दोषी करार देते हुए 10-10 साल की कैद सजा सुनाई है। शैलैंद्र को 33 हजार के अर्थदंड, गोधन सोनी को 13 हजार व संजू को 20 अर्थदंड दिया गया है।