Jalaun : 25 साल के विजन के साथ संविधान दिवस से युवाओं ने शुरू किया - युवा दस्तक

Mohit Rathore (Khabar Up Tak)
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25 साल के विजन के साथ संविधान दिवस से युवाओं ने शुरू किया - युवा दस्तक
▪️पूरे जिले प्रदेश में युवाओं को करेंगे संगठित,संवैधानिक मूल्यों के लिये युवा देंगे हर जगह दस्तक - नरपाल सिंह 
▪️पूरे देश मे युवाओं की आवाज़ को बुलंद करने का आगामी 25 साल(2022 -2047) तक का अभियान 
▪️संवैधानिक मूल्यों के लिए युवाओं को संगठित करने की मुहिम युवा दस्तक - कुलदीप बौद्ध
*जालौन* - 75 साल के आज़ाद भारत के संविधान दिवस के दिन युवाओं ने मिलकर आगामी 25 साल के विजन को लेकर  डॉ. अम्बेडकर इण्टर कॉलेज - आटा में  युवा संवाद कर डॉ अम्बेडकर प्रतिमा पर सामुहिक रूप से संविधान की प्रस्तावना का पाठ के साथ युवादस्तक अभियान की शुरुआत की।
संविधान दिवस के मौके पर अंबेडकर इण्टर कॉलेज में युवा संवाद हुआ जिसमें 3 अलग अलग पैनलों में युवा व संविधान के मुद्दे पर संवाद हुआ जिसमें अभियान के संस्थापक/संयोजक - कुलदीप कुमार बौद्ध ने कहां की आज एक ऐतिहासिक शुरुआत हो रही है,देश मे जहाँ एक तरफ आज़ादी के 75 साल अमृत महोत्सव का जश्न मनाया गया, 75 साल के आज़ाद भारत के संविधान दिन से युवा अपने हक व संवैधानिक मूल्यों के लिये 25 साल के विज़न को लेकर 2022 - 2047 तक युवा दस्तक अभियान शुरू किया है। निश्चित तौर से यह अभियान देश के युवाओं की आवाज़ बनेगा।
  युवा संवाद में युवाओं ने अपने मुद्दों - बेरोजगारी, नौकरी,शिक्षा व आजीविका आदि पर खुल कर बात की, युवा लड़कियों के पैनल में ज्योति यादव, संध्या वाल्मीकि, नेहा, हेमलता, अर्शना मंसूरी, कंचन वर्मा,स्वेता सविता, गीता, मीना, शांतना, सोनम आदि लड़कियों ने कहां की संविधान में स्वतंत्रता की बात कही गयी लेकिन आज भी हम लोगों को पूर्ण स्वतंत्रता नही मिली, अभी भी पितृसत्तात्मक सोच के बीच रहना पड़ता है। वहीं लड़को के पैनल में युवा लीडर - नरपाल सिंह पाल, नीरज, विष्णु, प्रिंशू,सचिन चौधरी,सत्यवान, आदि युवा लड़कों ने कहां की हम लोग पढ़ाई करते है, तैयारी करते है लेकिन नौकरियां नही मिलती ।
   बुद्धजीवी, सामाजिक चिंतक,लीडर व बरिष्ठ  कार्यकर्ता रामकुमार गौतम, तिलकचंद्र, राजकुमार प्रधानाचार्य,रिहाना मंसूरी, रीता विश्वकर्मा ने युवा संवाद में बताया कि आज आज़ादी के 75 साल बीतने के बाद भी जातिगत भेदभाव, छुआछूत व सामाजिक एवं राजनैतिक असमानताओं को झेलना पड़ता है, संविधान में दिये समता, स्वतंत्रता, बंधुत्व व न्याय की अवधारणा पूर्ण रुप से चरितार्थ नही हो पाई है जो इस देश के हुक्मरानो पर कई प्रश्नचिन्ह खड़े करता है। आज युवा बहुत ही सराहनीय पहल की शुरुआत कर रहे है जो निश्चित तौर पर यह अभियान युवा दस्तक  एक मील का पत्थर साबित होगी, युवा इस कोशिश से एक नया इतिहास रचेंगे, आने बाली नश्ले इसको हमेशा याद रखेंगी। भारत मे युवाओं दुवारा संविधान व संवैधानिक मूल्यों को लेकर युवाओं दुवारा, युवाओं के लिये युवाओं का ऐतिहासिक अभियान है। जिसका नेतृत्व स्वयं युवा कर रहे है। आप सभी जो भी युवा है या युवाओं के साथ या युवाओं के मुद्दों को लेकर काम कर रहे है उन सबको इस अभियान का हिस्सा जरूर बनना चाहिये।

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